Wednesday, May 20, 2020

सपने देखना आसान होता है : हिंदी कविता

सपने देखना आसान होता है.

जो चाहें वही होता है सपने में.
न हुआ, तो जग जाईये,
पी लीजिये एक गिलास पानी. और  फिर...  कहानी फुर्र !

सपने देखना आसान होता है.

इसमें प्रेम बुन सकते हैं
बुनावट को अधूरा छोड़ सकते हैं
जागने के बाद उधड़ जाने की कोई जिम्मेदारी भी नहीं होती.

सपने देखना आसान होता है.

घूर सकते हैं  सपने में
छोड़ सकते हैं परिग्रह को, उठ के जा सकते हैं.
अगली रात स्वप्न, संशोधन की अपेक्षा  भी नहीं रखता.

सपने देखना आसान होता है.

स्वप्न का पात्र अपेक्षानुरूप होता है,
उसके प्रश्नो को मूंदिये , उसकी आवाज़ से मुँह मोड़िये
वह हाड़, मांस, संवेदना, विवेक नहीं, मात्र कल्पनाओं का गढ़ा होता है

सपने देखना आसान होता है.

स्वप्न आपकी उम्मीदों के टीले सा है,
उसे कुरेदिए, खुरचिये या फिर  चढ़ उन्मादित होईये.
सपना, उत्तरदायित्व सह अगली सुबह दरवाज़ा नहीं खटखटाता

सपने देखना आसान होता है.

इसके अंग भूमि पर स्वामित्व साधिये
इसके पक्ष को घेरिए , अपना एकाधिपत्य जमाइये
मोहभंग, परित्याग और पलायन  पर वह चूं भी नहीं करेगा.

सपने देखना आसान होता है.

इससे मांगिये .. पाईये .. लीजिये .. चाहिए..
आईये .. इसके अतिरेक में नहाते जाईये..
खुद को शाबाशी दीजिये, अपने अदम्य अहम् को सहलाइये ..

क्योंकि, सपने देखना आसान होता है.
(वास्तविकता की व्यवहारिकता को रहने दीजिये न !)

 - अजन्ता 

9 comments:

  1. जो सपने आप ने दिखाएं है वह व्यवहारिकता का सटीक उदाहरण है । व्यक्ति यही चाहता है । वह सबकुछ उपभोग करना चाहता है, बिना किसी उत्तरदायित्व के । यह एक सच्चाई है । यह हमें भी अच्छा लगता है । सब कुछ मिल जाता है बिना किसी कीमत के ।

    वास्तविकता सपनो से बहुत दूर है । वास्तविकता की असंभावना सपने बन कर दिखते हैं । उन सपनों को देखकर कर एक क्षणिक संतुष्टि मिलती है और सपने अपने उद्देश्य में सफल हो जाते है ।

    एक चित्र क्या कहता है उसका वास्तविक ज्ञान तो चित्रकार को ही पता होता है, देखने वाले उसके आस-पास हो सकते है । इस कविता के लिए भी यही बात लागू होती है ।

    आप की नई कविता 'सपने देखना आसान होता है" ... को समझना उतना आसान नही है ।
    पड़ते समय एक बात, बार बार मन में खटकती है कि "सपने देखना आसान होता है " क्या वास्तव में सच है ?
    मेरे ख्याल से नही ।
    सपनों में जीना आसान होता है लेकिन मन पसंद सपने देखना आसान नही होता ।
    हाँ, अगर अपनी कल्पना को सपने मान ले तो यह आसान है । जैसा कि यह लाइन कहती है..

    "वह हाड़, मांस, संवेदना, विवेक नहीं, मात्र कल्पनाओं का गढ़ा होता है'

    लेकिन इकक्षानुसार सपने देखना आसान नही है ।
    कविता की हर शब्द, वाक्य अर्थों से ओतप्रोत है ।
    जैसे...
    "इसके अंग भूमि पर स्वामित्व साधिये
    इसके पक्ष को घेरिए , अपना एकाधिपत्य जमाइये.."

    आप के शब्दों में धार बहुत होती है । बहुत बारीकी से काटता है । हर एक वार एक कत्ल करने से पहले वज़ह भी बताता है ।

    कविता बहुत पसंद आई ..

    आर.पी. यादव
    लखनऊ

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  2. वास्तविकता का धरातल कठोर होता है लेकिन सपने हमें जिन्दा रखने के लिए जरुरी हैं
    बहुत अच्छी रचना

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  3. सुन्दर प्रस्तुति ! आप ऐसे ही स्वप्नदर्शी बने रहे व और और कविताएं लिखती रहें !

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  4. अनुरागMay 21, 2020 at 10:51 AM

    सपने न हों तो सृजन कहां, सृजन नही तो जन कहां,
    ये स्वप्न ही तो हैं, जो जन में आस उपजाते हैं..

    अतिसुन्दर अजन्ता जी..

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  5. सपने देखना जितना आसान है,
    उसकी अभिव्यक्ति कही मुस्किल है।
    सपने देखिये फ़िर छोड़ दीजिये,
    पूरा हुआ तो मेरा सपना कहा जायेगा,
    नहीं तो छोडो ना सपना ही तो था।
    मैंने भी एक सपना देखा है,
    सपने से बाहर ही न आने का।
    कोण हिसाब देता रहे अनगिनत सपनो का
    जो मेरे सगे सम्बन्धियों ने,
    दोस्तों ने
    बिना मेरी अनुमति देखे और मुझे थमाते चले गए।

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  6. सुन्दर भाव।
    स्वप्न देखना आसान है, उसे बुनना मुश्किल।
    वास्तव में स्वप्न सिर्फ देता है निश्छल, निस्वार्थ। बदले में कुछ भी अपेक्षा नहीं रखता। गके दिन उत्तरदायित्व के साथ परेशान भी नहीं करता।

    इसे पढ़ते पढ़ते मैं भी स्वप्न में चला गया। वास्तव में स्वप्न देखना आसान है। आप ऐसे ही स्वप्न देखते रहिये।

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  7. कविता पढते हुए ऐसा लगा कि जल्दी से मैं भी एक सपना देख लूं। बहुत सुंदर लिखा हैं, कविता से ज्यादा चलचित्र जैसा प्रतीत होता है। ऐसे है लिखती रहो।

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  8. सुंदर, सारगर्भित व सापेक्ष अभिव्यक्ति

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  9. As usual it's seems you have written real experience in poem... Real life of everyone of us... Truly awosome...

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