tag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post6812831506377381000..comments2021-06-13T07:17:42.279-07:00Comments on अजन्ता शर्मा: सपने देखना आसान होता है : हिंदी कविता अजन्ताhttp://www.blogger.com/profile/08557410702578357219noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-73662282453049544572020-05-24T01:51:37.170-07:002020-05-24T01:51:37.170-07:00As usual it's seems you have written real expe...As usual it's seems you have written real experience in poem... Real life of everyone of us... Truly awosome... Pankaj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10057448252294345798noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-3767900261845013282020-05-23T09:29:00.983-07:002020-05-23T09:29:00.983-07:00सुंदर, सारगर्भित व सापेक्ष अभिव्यक्ति सुंदर, सारगर्भित व सापेक्ष अभिव्यक्ति Vijay K Shrotryiahttps://www.blogger.com/profile/03827025219585517128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-49077031936284372572020-05-22T09:30:39.338-07:002020-05-22T09:30:39.338-07:00कविता पढते हुए ऐसा लगा कि जल्दी से मैं भी एक सपना ...कविता पढते हुए ऐसा लगा कि जल्दी से मैं भी एक सपना देख लूं। बहुत सुंदर लिखा हैं, कविता से ज्यादा चलचित्र जैसा प्रतीत होता है। ऐसे है लिखती रहो। Sweta Choudharyhttps://www.blogger.com/profile/11160244067196756972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-24515899901131635052020-05-22T02:46:59.601-07:002020-05-22T02:46:59.601-07:00सुन्दर भाव।
स्वप्न देखना आसान है, उसे बुनना मुश्कि...सुन्दर भाव।<br />स्वप्न देखना आसान है, उसे बुनना मुश्किल।<br />वास्तव में स्वप्न सिर्फ देता है निश्छल, निस्वार्थ। बदले में कुछ भी अपेक्षा नहीं रखता। गके दिन उत्तरदायित्व के साथ परेशान भी नहीं करता।<br /><br />इसे पढ़ते पढ़ते मैं भी स्वप्न में चला गया। वास्तव में स्वप्न देखना आसान है। आप ऐसे ही स्वप्न देखते रहिये।अक्सhttps://www.blogger.com/profile/10140455937341193960noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-45828952508297132652020-05-22T00:07:06.327-07:002020-05-22T00:07:06.327-07:00सपने देखना जितना आसान है,
उसकी अभिव्यक्ति कही मुस...सपने देखना जितना आसान है, <br />उसकी अभिव्यक्ति कही मुस्किल है।<br />सपने देखिये फ़िर छोड़ दीजिये, <br />पूरा हुआ तो मेरा सपना कहा जायेगा, <br />नहीं तो छोडो ना सपना ही तो था।<br />मैंने भी एक सपना देखा है, <br />सपने से बाहर ही न आने का। <br />कोण हिसाब देता रहे अनगिनत सपनो का <br />जो मेरे सगे सम्बन्धियों ने, <br />दोस्तों ने <br />बिना मेरी अनुमति देखे और मुझे थमाते चले गए।Dhirendrahttps://www.blogger.com/profile/17968460543321484482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-49908944133482493292020-05-21T10:51:55.306-07:002020-05-21T10:51:55.306-07:00सपने न हों तो सृजन कहां, सृजन नही तो जन कहां,
ये स...सपने न हों तो सृजन कहां, सृजन नही तो जन कहां,<br />ये स्वप्न ही तो हैं, जो जन में आस उपजाते हैं..<br /><br />अतिसुन्दर अजन्ता जी..अनुरागnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-21757930785186363702020-05-21T08:27:40.167-07:002020-05-21T08:27:40.167-07:00सुन्दर प्रस्तुति ! आप ऐसे ही स्वप्नदर्शी बने रहे व...सुन्दर प्रस्तुति ! आप ऐसे ही स्वप्नदर्शी बने रहे व और और कविताएं लिखती रहें ! अभिषेक आर्जवhttps://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-66559041209089055382020-05-21T04:36:41.562-07:002020-05-21T04:36:41.562-07:00वास्तविकता का धरातल कठोर होता है लेकिन सपने हमें ज...वास्तविकता का धरातल कठोर होता है लेकिन सपने हमें जिन्दा रखने के लिए जरुरी हैं <br />बहुत अच्छी रचना कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-26401925740646679642020-05-21T00:50:51.292-07:002020-05-21T00:50:51.292-07:00जो सपने आप ने दिखाएं है वह व्यवहारिकता का सटीक उद...जो सपने आप ने दिखाएं है वह व्यवहारिकता का सटीक उदाहरण है । व्यक्ति यही चाहता है । वह सबकुछ उपभोग करना चाहता है, बिना किसी उत्तरदायित्व के । यह एक सच्चाई है । यह हमें भी अच्छा लगता है । सब कुछ मिल जाता है बिना किसी कीमत के ।<br /><br />वास्तविकता सपनो से बहुत दूर है । वास्तविकता की असंभावना सपने बन कर दिखते हैं । उन सपनों को देखकर कर एक क्षणिक संतुष्टि मिलती है और सपने अपने उद्देश्य में सफल हो जाते है ।<br /><br />एक चित्र क्या कहता है उसका वास्तविक ज्ञान तो चित्रकार को ही पता होता है, देखने वाले उसके आस-पास हो सकते है । इस कविता के लिए भी यही बात लागू होती है । <br /><br />आप की नई कविता 'सपने देखना आसान होता है" ... को समझना उतना आसान नही है । <br />पड़ते समय एक बात, बार बार मन में खटकती है कि "सपने देखना आसान होता है " क्या वास्तव में सच है ? <br />मेरे ख्याल से नही ।<br />सपनों में जीना आसान होता है लेकिन मन पसंद सपने देखना आसान नही होता । <br />हाँ, अगर अपनी कल्पना को सपने मान ले तो यह आसान है । जैसा कि यह लाइन कहती है..<br /><br />"वह हाड़, मांस, संवेदना, विवेक नहीं, मात्र कल्पनाओं का गढ़ा होता है'<br /><br />लेकिन इकक्षानुसार सपने देखना आसान नही है ।<br />कविता की हर शब्द, वाक्य अर्थों से ओतप्रोत है । <br />जैसे...<br />"इसके अंग भूमि पर स्वामित्व साधिये<br />इसके पक्ष को घेरिए , अपना एकाधिपत्य जमाइये.."<br /><br />आप के शब्दों में धार बहुत होती है । बहुत बारीकी से काटता है । हर एक वार एक कत्ल करने से पहले वज़ह भी बताता है ।<br /><br />कविता बहुत पसंद आई ..<br /><br />आर.पी. यादव <br /> लखनऊ <br />Rp Yadav Lucknowhttps://www.blogger.com/profile/03550509157813018068noreply@blogger.com