Wednesday, July 25, 2007

मेरी दुनिया



ये ख्वाबों ख्यालों विचारों की दुनिया
मन को दुखाते कुछ सवालों की दुनिया
उस कोने पडी एक शराब की बोतल
इस कोने पडी खाली थालों की दुनिया
दौड्ते औ भागते रास्तों का फन्दा
या तन्हा सिसकती राहों की दुनिया
तू कौन क्या तेरा क्या उसका क्या मेरा
कुछ बनते बिगडते सहारॊं की दुनिया
एक कमरे मे पलते सपनों की दुनिया
एक कमरे मे ख्वाब के मज़ारों की दुनिया