Wednesday, August 19, 2020

Wednesday, May 20, 2020

सपने देखना आसान होता है : हिंदी कविता

सपने देखना आसान होता है.

जो चाहें वही होता है सपने में.
न हुआ, तो जग जाईये,
पी लीजिये एक गिलास पानी. और  फिर...  कहानी फुर्र !

सपने देखना आसान होता है.

इसमें प्रेम बुन सकते हैं
बुनावट को अधूरा छोड़ सकते हैं
जागने के बाद उधड़ जाने की कोई जिम्मेदारी भी नहीं होती.

सपने देखना आसान होता है.

घूर सकते हैं  सपने में
छोड़ सकते हैं परिग्रह को, उठ के जा सकते हैं.
अगली रात स्वप्न, संशोधन की अपेक्षा  भी नहीं रखता.

सपने देखना आसान होता है.

स्वप्न का पात्र अपेक्षानुरूप होता है,
उसके प्रश्नो को मूंदिये , उसकी आवाज़ से मुँह मोड़िये
वह हाड़, मांस, संवेदना, विवेक नहीं, मात्र कल्पनाओं का गढ़ा होता है

सपने देखना आसान होता है.

स्वप्न आपकी उम्मीदों के टीले सा है,
उसे कुरेदिए, खुरचिये या फिर  चढ़ उन्मादित होईये.
सपना, उत्तरदायित्व सह अगली सुबह दरवाज़ा नहीं खटखटाता

सपने देखना आसान होता है.

इसके अंग भूमि पर स्वामित्व साधिये
इसके पक्ष को घेरिए , अपना एकाधिपत्य जमाइये
मोहभंग, परित्याग और पलायन  पर वह चूं भी नहीं करेगा.

सपने देखना आसान होता है.

इससे मांगिये .. पाईये .. लीजिये .. चाहिए..
आईये .. इसके अतिरेक में नहाते जाईये..
खुद को शाबाशी दीजिये, अपने अदम्य अहम् को सहलाइये ..

क्योंकि, सपने देखना आसान होता है.
(वास्तविकता की व्यवहारिकता को रहने दीजिये न !)

 - अजन्ता