tag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post4370092145679035413..comments2021-06-13T07:17:42.279-07:00Comments on अजन्ता शर्मा: उत्तरअजन्ताhttp://www.blogger.com/profile/08557410702578357219noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-71075325270472778662019-08-01T00:12:34.593-07:002019-08-01T00:12:34.593-07:00अप्रीतम मिठास।
अनंत काल में जीवन के फल का नीम होन...अप्रीतम मिठास। <br />अनंत काल में जीवन के फल का नीम होना बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति। इसे रचने हेतु धन्यवाद।अक्सhttps://www.blogger.com/profile/10140455937341193960noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-69306650242275921502009-04-08T21:33:00.000-07:002009-04-08T21:33:00.000-07:00बहुत ही बेहतरीन !!!अजन्ता जी , आपके शब्द कागज़ पर ब...बहुत ही बेहतरीन !!!<BR/>अजन्ता जी , आपके शब्द कागज़ पर बनी हुयी नियम बद्ध आकृतियाँ नहीं वरन समय , समाज और मानवीय रिश्तों के मस्तक पर लिखे लिए गए शिलालेख होते हैं .<BR/>बहुत बहुत बधाई !!!!प्रताप नारायण सिंह (Pratap Narayan Singh)https://www.blogger.com/profile/08654132523168281005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-39297264822542133442009-04-05T09:48:00.000-07:002009-04-05T09:48:00.000-07:00सुन्दर भाव अभिव्यक्ति.. इसी तरह लिखती रहिये..सुन्दर भाव अभिव्यक्ति.. इसी तरह लिखती रहिये..Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-21836475928568574982009-04-05T07:41:00.000-07:002009-04-05T07:41:00.000-07:00सुन्दर !!!!सुन्दर !!!!अभिषेक आर्जवhttps://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-4520794984246893582009-04-02T21:25:00.000-07:002009-04-02T21:25:00.000-07:00एक स्त्री के मनोभावो का बहुत सुन्दर चित्रण,एक भारत...एक स्त्री के मनोभावो का बहुत सुन्दर चित्रण,एक भारतीय औरत की यह वास्तविक मनोदशा है कि वह वैवाहिक जीवन मे अपने ऊपर बीत रहे किसी भी दुख के पलो से निकली व्यथा के क्षणो को घर की देहरी से बाहर नही निकलने देती, इसे उसकी महानता कहा जाये या उसके सन्सकार या फिर उसकी कमजोरी.<BR/><BR/>परन्तु मेरा यह सदैव मानना होता है कि औरत कभी कमजोर नही होती, जो दूसरो को जीवन भर शक्ति प्रदान करती हो वह भला कमजोर कैसे हो सकती है? यह तो उसके सन्सकार और बडप्पन है जो दर्द सहकर भी कभी उफ नही करती.मै हर ऐसी औरत के बडप्पन को नमन करता हू. <BR/><BR/>लेकिन समझने की जरुरत वास्तविक रूप से उस पुरूष समाज को है जो उस समीप मे रखी पारस रूपी स्त्री की तो कद्र नही कर पाता लेकिन स्वर्ण के लिये जीवन भर गलियो, चौराहो मे भटकते रहता है. <BR/><BR/>एक ऐसी औरत की व्यथा को बखूबी कम शब्दो मे सारगर्भित रूप से चित्रित करने और उसे अपने कलम से पन्क्तियो मे उतारने के लिये आपको हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनाये.और हा आपके बहुत सुन्दर स्केच के लिये भी बधाई. <BR/><BR/>सादर <BR/>राकेशराकेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08397280715413909061noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-15090791375078163542009-03-31T10:17:00.000-07:002009-03-31T10:17:00.000-07:00जीवन ने फल जो दियावह अन्तकाल मे नीम हुआउसे निगल मु...जीवन ने फल जो दिया<BR/>वह अन्तकाल मे नीम हुआ<BR/>उसे निगल मुस्काती अपने <BR/>रिश्ते की मिठास है <BR/>Bahut sundar bhavnatmak kavita ...<BR/>Ajanta ji ,<BR/>apko hardik badhai.<BR/>Poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-15742906548945573752009-03-30T23:18:00.000-07:002009-03-30T23:18:00.000-07:00लाजवाब रचना ....बेहतरीन भाव लिए हुए ....कैसे तारीफ...लाजवाब रचना ....बेहतरीन भाव लिए हुए ....कैसे तारीफ करूँ <BR/><BR/><A HREF="http://meraapnajahaan.blogspot.com/2009/03/blog-post_19.html" REL="nofollow">मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति </A>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com