tag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post1557627916589888016..comments2021-06-13T07:17:42.279-07:00Comments on अजन्ता शर्मा: दूरियांअजन्ताhttp://www.blogger.com/profile/08557410702578357219noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-47039807120334339372009-08-14T04:01:54.238-07:002009-08-14T04:01:54.238-07:00बहुत भावपूर्ण रचना लगी..बहुत भावपूर्ण रचना लगी..विजेंद्र एस विजhttps://www.blogger.com/profile/06872410000507685320noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-52843003645229531502009-04-20T05:52:00.000-07:002009-04-20T05:52:00.000-07:00अजंता जी
बहुत दिनों से आपकी एक भी रचना पढने को न म...अजंता जी<br />बहुत दिनों से आपकी एक भी रचना पढने को न मिली... बेसब्री से इंतजार करता रहा... ना ही आपका कमेंट्स ही मिला...Neeraj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/14312648658352009451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-7812929055934048582009-04-09T00:00:00.000-07:002009-04-09T00:00:00.000-07:00pasand ki paktiyan upar udhrit hain. ek sundar rac...pasand ki paktiyan upar udhrit hain. ek sundar rachana ke liye badhaai.अर्चनाhttps://www.blogger.com/profile/13916920569285303890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-48441018238851409472009-04-08T21:23:00.000-07:002009-04-08T21:23:00.000-07:00अति सुन्दर !!!मौका पाते हीउन निधियों के हम सामने ...अति सुन्दर !!!<BR/>मौका पाते ही<BR/>उन निधियों के हम सामने रख खोला करेंगे.<BR/>उनके रहते ना मेरी रातें स्याह होगी<BR/>ना तुम्हारे दिन तपे हुए.<BR/>बहुत ही भावपूर्ण !!!<BR/>बहुत बहुत बधाई !!!प्रताप नारायण सिंह (Pratap Narayan Singh)https://www.blogger.com/profile/08654132523168281005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-9217299742705319822009-04-07T03:55:00.000-07:002009-04-07T03:55:00.000-07:00बहुत सुंदर भाव...बहुत सुंदर भाव...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-89640059126939226352009-04-06T16:53:00.000-07:002009-04-06T16:53:00.000-07:00बहुत भावपूर्ण ... सुंदर अभिव्यक्ति।बहुत भावपूर्ण ... सुंदर अभिव्यक्ति।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-2967615437744835202009-04-06T05:32:00.000-07:002009-04-06T05:32:00.000-07:00Anjanta ji,Simple but bottom-hearted poems of your...Anjanta ji,<BR/>Simple but bottom-hearted poems of yours touch the Readers' Hearts, at the same time they fill us with the strength and confidene of new-age women...<BR/>Wow!Neeraj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/14312648658352009451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-20635729758629792442009-04-06T00:54:00.000-07:002009-04-06T00:54:00.000-07:00आपकी दो रचनाएं पढी हैं मैंने । आपकी लेखन शैली बेहद...आपकी दो रचनाएं पढी हैं मैंने । आपकी लेखन शैली बेहद सरल और शब्द भी सामान्य होते हुए भी प्रभाव बहुत ही गहरा छोड़ते है । बेहतरीन लिखा हे आपने । बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-47785403792637642762009-04-06T00:50:00.000-07:002009-04-06T00:50:00.000-07:00बहुत सुन्दर रचना, विरह के क्षणो की कल्पना मे एक स्...बहुत सुन्दर रचना, विरह के क्षणो की कल्पना मे एक स्त्री के सुन्दर वेदना पूर्ण भावो को मार्मिक और ह्र्दय स्पर्शी शब्दो के माध्यम से सकारात्मक रूप से अभिव्यक्त करना एक अनोखी विधा होती है और आपने यह बखूबी कर दिखाया है, वैसे भी जीवन जीने का नाम है, जो कष्टो के बीच अपने पौरुष का परिचय देता है, दुनिया उसी का सम्मान करती है, <BR/><BR/>वास्तव मे विरह के पलो मे मनुष्य मे अद्भुत स्रिजन शक्ति का प्रादुर्भाव होत्ता है और विद्वान पुरूष और विदुषी स्त्रिया इन पलो को बखूबी भुनाते है, <BR/><BR/>मैं चली जाऊँ तो निराश मत होना.<BR/>जीना ही तो है!<BR/>एक सीधा-सा प्रश्न<BR/>एक अटपटा-सा उत्तर.<BR/>अपने अगले पलों में छिपाकर रखूँगी मैं तुम्हें<BR/>और तुम मुझे रखना.<BR/>मौका पाते ही<BR/>उन निधियों के हम सामने रख खोला करेंगे.<BR/><BR/>आपने इन पन्क्तियो के माध्यम से एक स्त्री की कोमल कल्पना को जहा सकारात्मक सौन्दर्य प्रदान किया है वही साथ ही अपने प्रिय के प्रति एक स्त्री की उदार सोच को सवेदना के शब्दो मे गूथकर बडे सुन्दर भाव दिये है,<BR/><BR/>आपको हार्दिक बधाई वा ढेरो शुभकामनाये और हा, आपने इसके किये कोई स्केच क्यो नही बनाया? बडे सुन्दर स्केच बना इन भावो को यदि आप चाहती तो और ज्यादा सौन्दर्य से सुसज्जित कर सकती थी. <BR/><BR/>सादरराकेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08397280715413909061noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1411840868385121067.post-51675579565781714052009-04-06T00:33:00.000-07:002009-04-06T00:33:00.000-07:00बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति.बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com